जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

तेरा हैं काम केवट का, किनारे नाव ला देना

Tera Hai Kam Kevt Ka Kinare Nav La Dena

तेरा हैं काम केवट का, किनारे नाव ला देना ।

चढ़ा कर मुझ से पापी को, गुरु उस पार कर देना ।। 1 ।।

पुकारूँ मैं किनारे सा, खड़े पर आप नहिं सुनते ।

हुई जो भूल मेरे से, कृपा करके भुला देना ।। 2 ।।

विषय व वासनाओं में, सदा भटका रहा स्वामी ।

न थी कुछ याद निज घर की, पता उस का बता देना ।। 3 ।।

दया सागर पतित पावन, तुम्हें जो लोग कहते हैं ।

रहे कुछ याद इसकी भी, अयश अपना मिटा देना ।। 4 ।।

जो थक कर आ पड़ा द्वारे, शरण देना मुनासिब है ।

अगर चाहो बचालो या, मुझे फिर से डुबा देना ।। 5 ।।

अगर हो सिन्धु तो मैं भी, तुम्हारा एक कतरा हूँ ।

अगर यह दास मिल जाए, कभी विनती ये सुन लेना ।। 6 ।।