जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)
परम् पूज्य महाराज जी (बाबा उमाकान्त जी महाराज) का आदेश है हर सत्संगी भाई-बहन को कम से कम 2-3 प्रार्थनाएँ जरूर याद होनी चाहियें

आरती करूँ गुरुदेव की जिन भेद बतायो, चरण कमल की छाय मे जिन सुरत बिठायो

Aarti Karu Gurudev Ki Jin Bhad Batayo Charan Kamal Ki Chay Me Jin Surat Bithayo

आरती करूँ गुरुदेव की जिन भेद बतायो,
चरण कमल की छाय मे जिन सुरत बिठायो ।।१।।

जनम जन्म के पाप को जिन दूर हटायो,
मो सम पतित पुनीत कर निज ह्रदय लगायो ।।२।।

दीन दयालु दया करी दियो शब्द जहाजा,
सुरत चढ़ी आकाश मे धरी अनहद नादा ।।३।।

सुरत चली निजलोक को मन परम् हुलासा,
सतगुरु मिल गये राह मे ले परम् प्रकाशा ।।४।।

अभिनन्दन निज लोक मे करें किन्नर देवा,
भाग्य सराहें सुरत करि लावें बहू सेवा ।।५।।

काल करम के फाँस से लियो जीव बचाई,
गुरु दयालु दया करी निज घर पहुचाई ।।६।।