जय गुरु देव
समय का जगाया हुआ नाम जयगुरुदेव मुसीबत में बोलने से जान माल की रक्षा होगी ।
परम सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज, उज्जैन (मध्य प्रदेश)

संत रविदास जी महाराज का जीवन परिचय


संत शिरोमणि रविदास जी महाराज का जन्म माघ पूर्णिमा को उत्तर प्रदेश (uttarpradesh) के वाराणसी (Varanasi) शहर के गोबर्धनपुर(Gobardhanpur) गांव में हुआ था। संत रविदास जी महाराज के पिता का नाम संतोष दास था, वही माता का नाम कर्मा देवी था। उनके दादाजी का नाम श्री कालूराम जी वही दादी जी का नाम श्रीमती लखपति जी था।

रविदास जी महाराज की पत्नी का नाम श्रीमती लोना जी और पुत्र का नाम श्री विजय दास जी है। कवि रविदास जी महाराज चमका कुल से वास्ता रखते हैं जो कि जूते बनाते थे। उन्हें यह कार्य करके बहुत खुशी होती थी। वह बड़ी लगन और मेहनत के साथ अपना कार्य करते थे।।दरअसल, रविदास जी महाराज के पिता चमड़े का व्यापार करते थे, वह जूते भी बनाया करते थे।

जब रविदास जी महाराज का जन्म हुआ उस समय उत्तर भारत(North India) के कुछ क्षेत्रों में मुगलों का शासन था और हर तरफ अत्याचार गरीबी(Poverty) भ्रष्टाचार(Corruption) और अशिक्षा(Illiteracy) का माहौल था। उस समय मुस्लिम शासकों का प्रयास रहता था कि वह ज्यादा से ज्यादा हिंदुओं को मुस्लिम बनाएं। रविदास जी महाराज की ख्याति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी, जिसके चलते उनके लाखों भक्त थे। जिसमें हर जाति के लोग शामिल थे। इसको देखकर एक परिद्ध मुस्लिम सदना पीर उनको मुस्लिम बनाने आया था।

उसका मानना था कि यदि उसने रविदास जी को मुस्लिम बना लिया तो उनसे जुड़े लाखों भक्त भी मुस्लिम(Muslim) बन जाएंगे। मुसलमान बनाने को लेकर हर प्रकार का दबाव रविदास जी पर बनाया गया, लेकिन संत रविदास जी महाराज तो संत थे। उन्हें किसी धर्म से मतलब नहीं था उन्हें तो सिर्फ मानवता(Humanity) से मतलब था।

Biography of Saint Ravidas Ji Maharaj


Saint Shiromani Ravidas Ji Maharaj was born on Magh Purnima in Gobardhanpur village of Varanasi city of Uttar Pradesh. Saint Ravidas Ji Maharaj's father's name was Santosh Das, mother's name was Karma Devi. His grandfather's name was Shri Kaluram ji and his grandmother's name was Mrs. Lakhpati ji.

Ravidas Ji Maharaj's wife's name is Mrs. Lona Ji and son's name is Shri Vijay Das Ji. Poet Ravidas Ji Maharaj belongs to Chamka clan who used to make shoes. He was very happy doing this work. He used to do his work with great dedication and hard work. Actually, Ravidas Ji Maharaj's father used to do leather business and also used to make shoes.

When Ravidas Ji Maharaj was born, some areas of North India were under the rule of Mughals and there was an atmosphere of oppression, poverty, corruption and illiteracy everywhere. At that time, Muslim rulers were trying to convert as many Hindus as possible into Muslims. Ravidas Ji Maharaj's fame was increasing day by day, due to which he had lakhs of devotees. In which people of every caste were included. Seeing this, Sadna Peer, a famous Muslim, came to convert him into a Muslim.

He believed that if he converted Ravidas ji into a Muslim, then lakhs of devotees associated with him would also become Muslims. Every kind of pressure was put on Ravidas Ji to convert him into a Muslim, but Saint Ravidas Ji Maharaj was a saint. He was not concerned with any religion, he was concerned only with humanity.